Sunday, May 16, 2010

मै

वक़्त भी है हंस रहा आज मेरे भाग्य पे
बुझा कमल बन गया हूँ आज मै इस खेल में
चांदनी रात अब अमावस्या ही लगती है
अलसाई शामों का राजा अब बन गया हूँ मै

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